सूर्य का गोचर 2020 || ग्रहों का जातक पर प्रभाव । जन्म कुन्डली में स्थापित सूर्य पर समय समय पर जब ग्रह गोचर से विचरण करते है,उसके बाद जो बाते सामने आती है,वे इस प्रकार से है।
सूर्य का गोचर 2020सूर्य का गोचर 2020सूर्य का गोचर 2020
सूर्य का सूर्य के साथ गोचर
सूर्य जब जन्म के सूर्य के साथ गोचर करता है,तो जातक के पिता को बीमारी होती है,और जातक को भी बुखार आदि से परेशानी होती है,दिमाग में उलझने होने से मन खुश नही रहता है।
चन्द्रमा का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य पर जब चन्द्रमा गोचर करता है,तो पिता या खुद को अपमान सहन करना पडता है,कोई यात्रा भी हो सकती है।
मंगल का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य पर जब मन्गल गोचर करता है,तो जातक को रक्त विकार वाली बीमारियां हो सकती है,पित्त वाले रोगों का जन्म हो सकता है,भाई को सरकार या समाज की तरफ़ से कोई न कोई कष्ट होता है।
बुध का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य पर बुध जब गोचर करता है,तो पिता या खुद को भूमि का लाभ होता है,नये मित्रो से मिलना होता है,जो भी व्यापारिक कार्य चल रहे होते है उनमे सफ़लता मिलती है।
गुरु का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य पर जब गुरु गोचर से भ्रमण करता है,तो जातक को किसी महान आत्मा से साक्षात्कार होता है,जीवन की सोची गयी योजनाओं में सफ़लता का आभास होने लगता है,किसी न किसी प्रकार से यश और पदोन्नति का असर मिलता है,प्रतिष्ठा में भी बढोत्तरी होती है।
शुक्र का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य पर जब शुक्र गोचर करता है,तो जातक को धन की कमी अखरने लगती है,पत्नी की बीमारी या वाहन का खराब होना भी पाया जाता है।सूर्य का गोचर 2020
शनि का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य पर जब शनि गोचर करता है,कार्य और व्यापार में असंतोष मिलना चालू हो जाता है,जो भी काम के अन्दर उच्चाधिकारी लोग होते वे अधिकतर अप्रसन्न रहने लगते है,धन का नाश होने लगता है,नाम के पीछे कार्य या किसी आक्षेप से धब्बा लगता है।
राहु का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य पर जब राहु गोचर से भ्रमण करता है,तो पिता या जातक को माया मोह की भावना जाग्रत होती है,पिता को या पुत्र को चोट लगती है,बुखार या किसी प्रकार का वायरल शरीर में प्रवेश करता है,किसी प्रकार से मीडिया या कम्प्यूटर में अपना नाम कमाने की कोशिश करता है,किसी भी काम का भूत दिमाग में सवार होता है,अक्सर शाम के समय सिर भारी होता है,पिता को या खुद को या तो शराब की लत लगती है,या फ़िर किसी प्रकार की दवाइयों को खाने का समय चलता है,किसी के प्रेम सम्बन्ध का भूत भी इसी समय में चढता है।
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केतु का सूर्य के साथ गोचर
जन्म के सूर्य के साथ केतु का गोचर होने से जातक के अन्दर नकारात्मकता का प्रभाव बढने लगता है,वह काम धन्धा छोड कर बैठ सकता है,मन में साधु बनने की भावना आने लगती है,घर द्वार और संसार से त्याग करने की भावना का उदय होना माना जाता है,हर बात मे जातक को प्रवचन करने की आदत हो जाती दाढी और बाल बढाने की आदत हो जाती है,यन्त्र मन्त्र और तन्त्र की तरफ़ उसका दिमाग आकर्षित होने लगता है।