सूर्य लाल किताब से इसकी सरल विवेचना दी गई है अपने जीवन का मिलान करें
लाल किताब के अनुसार सूर्य को ग्रहराज की संज्ञा दी गई है। यदि कुंडली में सूर्य अनुकूल हो तो सभी ग्रह व्यक्ति को अनुकूल फल देने लगते हैं। अशुभ हो तो बाकी ग्रहों पर भी इसका न्यूनाधिक असर होता है।
कुंडली के 12 भावों और सूर्य का प्रभाव एवम उपाय
Post Name | kundli me surya ka prabhav |
Category | Jyotish |
Portal | www.jyotishvidhya.in |
Post Date | 25/07/2022 |
पहले घर का सूर्य व्यक्ति को राजा बनाता है। वह सिर्फ इंसाफ पसंद होता है लेकिन शांत या नर्म स्वभाव का होना उसके लिए मुसीबतें लाएगा। मंदा हो तो नर औलाद और पत्नी के लिए भारी रहेगा। उपाय के तौर पर सरकारी नौकरी करने वाले पर इसका असर कम से कम होगा। उपाय के तौर पर अपने खानदानी मकान में पानी का हैंडपंप या कुआं खुदवाना चाहिए तथा दिवा स्त्री समागम से बचना चाहिए।
दूसरे घर में सूर्य की तुलना मंदिर में जलने वाली ज्योत से की गई है। ऐसा आदमी खुद तो साधारण हैसियत से रहता है मगर अपने साथियों और साथ रिश्तेदारों को मालामाल कर देता है। इसी से उनकी खुद की तरक्की होती है। घर की औरतों पर भी सूर्य भारी पड़ता है। ऐसा आदमी कभी किसी से मुफ्त में या दान में कुछ लेगा तो बर्बाद हो जाएगा। उपाय के तौर पर शनि की वस्तुएं यानि तेल, बादाम आदि किसी धर्मस्थल पर दान देते रहना चाहिए।
तीसरे घर का सूर्य ‘दौलत का राजा’ कहा गया है। यह आदमी को नेकदिल, सच्चा और बहादुर बनाता है। ऐसे आदमी से मौत भी डरती है। ऐसा आदमी ज्योतिष का ज्ञान भी रखता है। सूर्य मंदा हो तो ऐसा आदमी परिवार की तरफ से दुखी रहता है। ऐसे जातक को अपने चरित्र का खास ध्यान रखना चाहिए। चरित्र खराब हो तो वो खुद अपने ही कर्मों से खत्म हो जाता है। पापकर्मों से बचें तथा अपना चालचलन ठीक रखें।
चौथे घर का सूर्य जिसके हो वो खुद चाहे शाही खानदान में न जन्मा हो लेकिन राजयोग लेकर आता है और देखते ही देखते अपनी सात पीढ़ियों तक को दे जाता है। उसे अपने ही रिश्तेदारों से आर्थिक लाभ करता है। मंदा हो तो सूर्य की वस्तुओं पर खराब प्रभाव पड़ता है। बिना कारण उम्र भर झगड़े करता रहता है। सूर्य को अच्छा बनाने के लिए जातक को कभी भी ससुराल पक्ष से शनि, राहू और केतु की चीजें जैसे मशीन, लोहा, इलेक्ट्रॉनिक सामान, खिलौने उपहारमें नहीं लेने चाहिए , वरना बर्बाद होते देर नहीं लगेगी। अपने पैतृक घर में अंधों को भिक्षा तथा भोजन का दान करें। लोहे, लकड़ी का काम कभी न करें।
पांचवे घर का सूर्य आदमी को शराफत और मर्यादा का पालन करने वाला बना देता है। उसकी संगत से ही उसकी औलादें तक घर बैठे कमा खाती है। ऐसे जातक को पूर्व की दीवार के साथ रसोई बनाना शुभ रहता है और दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है। लाल मुंह के बंदरों का पालन-पोषण करें। पक्षी, मुर्गा तथा बच्चों का पालन-पोषण करें।
छठे घर का सूर्य ‘आगजला’ और ‘दौलत से बेफ्रिक’ कहा गया है। अगर जिद पर आ जाए तो अपने घर को भी जलता देख कर खुश होगा और शुभ हो तो आदमी दिल और नीयत का बिल्कुल साफ होगा, कभी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुचांएगा, हालांकि उसके खुद के सारे कारोबार नुकसान में ही रहेंगे। सूर्य का उपाय करना जैसे बंदर का गुड़ देना हर तरह से अच्छा रहेगा। धर्मस्थल पर दान की गई वस्तु अपने पास रखें।
सातवें घर का सूर्य राजगद्दी पाकर भी उसे खो देता है। बेशक ऐसा आदमी कैसी भी हालत का हो, देने में कभी कंजूसी नहीं करता। दुनिया की हर मुसीबत को वो हंस के काट लेता है। ऐसे आदमी को कोई मारना चाहे तो उसे खुद को भी खत्म कर लेने की तैयारी कर लेनी चाहिए। अगर सूर्य मंदा हो तो गृहस्थी सुख, पत्नी तथा बेटे के लिए अशुभ होता है। हमेशा दूसरे की पीड़ा को दूर करने के प्रयास में खुद मारा जाता है। उपाय के लिए बृहस्पति की चीजें बहते पानी में बहाने से आराम मिलता है। या रोटी खाने के पहले भोजन का थोड़ा सा हिस्सा बतौर आहुति डालने से भी फायदा होता है। मीठा पदार्थ मुंह में डाल कर अथवा पानी पीकर ही किसी नए कार्य का शुभारंभ करें।
आठवें घर का सूर्य खुद ही खुद की किस्मत लिखता है। अगर रईस होगा तो इतना होगा कि रोज दूसरों को खिलाएगा, भिखारी होगा तो ऐसा होगा कि भीख भी नहीं मिलेगी। जब तक खुद के ही खानदान या परिवार से दुश्मनी नहीं रखेगा, फलता-फूलता रहेगा। मंदा हो तो शनि की चीजों से नुकसान होगा। उपाय के लिए ऐसे आदमी को कभी चोरी नहीं करनी चाहिए, न ही चरित्रहीन महिला से किसी तरह के संबंध रखने चाहिए। वो अपने बड़े भाई को साथ लेकर चलेगा तो जीवन में तरक्की करेगा। काली गाय व बड़े भाई की सेवा करें। कभी भी दक्षिण मुखी घर या भवन में न रहें। कुछ मीठा पदार्थ खाकर या पानी पीकर ही कार्यारम्भ करें।
नवें घर का सूर्य अपने परिवार को छोड़कर बाकी सारी दुनिया का भला करता है। वो बड़ी से बड़ी मुश्किल में भी हिम्मत नहीं हारता और बार-बार अपने दम पर उठ खड़ा होता है। हालांकि खुद की पत्नी के लिए कुछ हल्का असर हो सकता है। ऐसे आदमी को भूल कर भी किसी से मुफ्त में कुछ नहीं लेना चाहिए वरना बर्बाद होते देर नहीं लगती। चन्द्रमा की वस्तु का दान करें। स्वयं कभी भी कोई दान न लेवें। घर में पीतल के पुराने बर्तन रखें तथा पाप कर्म से बचें।
दसवें घर का सूर्य अपने ही शत्रु शनि की मकर राशि में होता है जो कभी नहीं झुकता चाहे अपने ही परिवार के खिलाफ बड़े से बड़ा फैसला लेना पड़े। आमतौर पर ऐसा आदमी वहमी स्वभाव का होता है। सूर्य मंदा हो तो खानदानी विरासत या पिता पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे आदमी को कभी भी शनि, राहू या केतु से जुड़े व्यापार नहीं करने चाहिए। नीले रंग के कपड़ों से हमेशा ही परहेज करना चाहिए। सफेद या शरबती पगड़ी और कपड़े पहनना उसे शुभ फल देगा। सदैव घर में गंगाजल रखें।
ग्यारहवें घर का सूर्य लालची होने के साथ-साथ धर्मात्मा भी होता है। ऐसा आदमी जितना नेकदिल होता है, उतनी ही तरक्की करता है। मांस-मछली और शराब का सेवन ऐसे आदमी के लिए बर्बादी का फरमान लाते हैं। ऐसे आदमी को सांपों के भी सपने आते हैं। उपाय के तौर पर इन तीनों से दूर ही रहना चाहिए और कभी भी शनि की वस्तु मूली, शलजम, गाजर आदि न लें। भूल कर भी शराब तथा मांस का सेवन न करें। कभी झूठी गवाही न दें न किसी से धोखा-धड़ी करें।
बारहवें घर के सूर्य को ‘सुख की नींद सोने वाला मगर पराई आग में जलकर मरने वाला’ कहा गया है। ऐसे आदमी का बुरा वक्त कभी नहीं आता वरन वो ही दूसरों को सहारा देता है, उनकी ही आफतों को अपने सिर ले लेता है। ऐसा आदमी सुख की नींद लेने वाला और रूहानी ताकतों से दोस्ती की इच्छाएं रखने वाला होता है। उपाय के तौर पर जातक को कभी राहू के काम यानि बिजली, कोयले आदि के काम नही करने चाहिए और न ही ससुराल पक्ष के लोगों से मिल कर कोई काम करना चाहिए, वर्ना बर्बाद होते देर नहीं लगती। कभी भी अंधेरे घर में न रहें।