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[2022] श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa || Jyotishvidhya.in

हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान, जानिए नियम || हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार को करने से कुंडली में शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन पीपल के पेड़ के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है.

श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa

श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa

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[2022] श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa || Jyotishvidhya.in

Post Name Hanuman Chalisa
Categery Astrology
Portal www.jyotishvidhya.in
Post Date 28/01/2022

हनुमानजी को प्रसन्न करने के उपाय

मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित होता है. इस दिन भक्त हनुमान जी की पूजा- अर्चना करते हैं. वहीं कुछ लोग मंगलवार के दिन उपवास रखते हैं. इस दिन विधि विधान से हनुमानजी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं. साथ ही आपकी सभी मनोकामानाएं भी पूर्ण हो जाती है.

हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार को करने से कुंडली में शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन पीपल के पेड़ के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है. मंगलवार के दिन हनुमानजी को लाल रंग का चोला चढ़ाने से अच्छा होता है. शास्त्रों में भी हनुमान चालीसा के पाठ को करने से कुछ नियम बताएं गए है जिसका पालन करना चाहिए.

हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान, जानिए नियम

हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार को करने से कुंडली में शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन पीपल के पेड़ के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है।

मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित होता है. इस दिन भक्त हनुमान जी की पूजा- अर्चना करते हैं. वहीं कुछ लोग मंगलवार के दिन उपवास रखते हैं. इस दिन विधि विधान से हनुमानजी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं. साथ ही आपकी सभी मनोकामानाएं भी पूर्ण हो जाती है.

हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार को करने से कुंडली में शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन पीपल के पेड़ के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है. मंगलवार के दिन हनुमानजी को लाल रंग का चोला चढ़ाने से अच्छा होता है. शास्त्रों में भी हनुमान चालीसा के पाठ को करने से कुछ नियम बताएं गए है जिसका पालन करना चाहिए.

हनुमान चालीसा पाठ से पहले जान लें बातें

  1. हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले उनके आर्ध्य प्रभु राम और फिर हनुमान जी की फोटो को स्थापित करें. 2. हनुमान जी की मूर्ति या फोटो के सामने एक तांबे या पीतल का लोटा रखें और फिर उस जल को हनुमान जी और चालीसी की किताब पर कुछ बूंदे अर्पित करें. 3.  इसके बाद दीप, धूप और नैवध चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले हनुमान जी के माथे पर सिंदूर का टीका जरूर लगाएं. फिर उनके चरणों में लगे टीके को अपनी माथे पर लगाएं.

हनुमान चालीसा करते समय बरतें ये सावधानी

  1. हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा स्नान करने के बाद करना चाहिए. 2. पाठ करते समय खाली जमीन पर नहीं बैठना चाहिए. हमेशा कुश या अन्य किसी आसन पर बैठकर करनी चाहिए. 3. हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा दिन शनिवार और मंगलवार होता है. 4. पाठ करने से पहले हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाना न भूलें.

हनुमान चालीसा की इस पंक्ति से आश्य है कि मनुष्य बुद्धिहीन है और वह ज्ञान प्राप्ति के लिए हनुमान जी की शरण में आया है। हिन्दू मान्यताओं में भक्त ने हमेशा खुद को भगवान से बुद्धि और ज्ञान एमं कम या ‘तुच्छ’ ही माना है और परमात्या (भगवान) सभी ज्ञानियों के ज्ञानी हैं ऐसा माना जाता है।

इसलिए भक्त अपने भगवान की शरण में जाकर उनसे ज्ञान प्राप्त करने की प्रार्थना करता है, भगवान उसे बुद्धि दें एवं सही मार्ग दिखाएं इसकी विनती करता है। हनुमान चालीसा की उपरोक्त पंक्ति इस बात का एक बड़ा उदाहरण है।

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हनुमान चालीसा एक ऐसा माध्यम है जिसे पढ़कर एक भक्त हनुमानजी से ज्ञान, बल एवं बुद्धि की प्राप्ति करता है। किंतु यह सब तभी संभव है जब भक्त बिना किसी भूल के हनुमान चालीसा को पढ़ता है। लेकिन यहां ‘भूल’ से तात्पर्य केवल उच्चारण नहीं है, इसके अलावा भी कई गलतियां हैं जो भक्त जाने-अनजाने में कर देता है, आइए जानते हैं उनके बारे में…..

हनुमान चालीसा हमें नहाकर, साफ कपड़े पहनकर करें।

चालीसा पढ़ने से पहले हनुमान जी को गंगाजल से स्नान कराएं।

लाल रंग के आसन पर बैठकर हनुमान चालीस पढ़ें।

चालीसा उपरांत यदि हनुमान जी को भोग लगा रहे हैं तो उस प्रसाद में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें।

हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और जनेउ अर्पित करें।

हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा मंगलवार या शनिवार से प्रारंभ करें, इसके बाद रोजाना कर सकते हैं।

किंतु एक बार शुरू करने के बाद कम से कम 40 दिनों तक इस पाठ को करें, बीच में एक भी दिन ना छोड़ें।

हनुमान चालीसा पाठ

     Hanuman Chalisa Hindi Lyrics

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥

शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥

विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥

लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥

और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

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