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[2022] Lal Kitab Remedies of Jupiter || Jyotishvidhya.in

वृहस्‍पति (गुरु | Jupiter) एक  ऐसा ग्रह है जो बुरे  वक्‍त मे आपका साथ देता है। अगर किसी जातक की कुण्‍डली में गुरू स्व राशि में,उच्च राशिमे  बैठा हो तो जातक की कुण्‍डली के अधिकांश दोषों को हर लेता है। यह इंद्र स्‍वरूप है। गुरु गृह  देवताओं का गुरु है, सौम्‍य, विशाल, खर्चीला और सकारात्‍मक है। मांगलिक कार्य और सीखने का दौर गुरु की दशा के दौरान अधिक होते हैं।

Lal Kitab Remedies

Lal Kitab Remedies

बृहस्पति (गुरु) के प्रभाव और उपाय: लाल किताब के अनुसार

Post Name   Lal Kitab Remedies of Jupiter
Category Astrology
Portal  www.jyotishvidhya.in
Post Date 28/01/2022

गुरुके प्रभाववाला  जातक आकार प्रकार में विशाल होता है। एक जगह केएस कृष्‍णामूर्ति तो लिखते हैं कि भरी सभा में अगर गुरु का जातक पहुंचता है तो सभा में मौजूद लोग उसके लिए जगह छोड़ देते हैं। क्‍योंकि अपनी धुन में रम रहने वाले गुरु के जातक आगा पीछा अधिक नहीं देखते। ऐसे में अपने बैठने की जगह बनाने के लिए वे किसी का पैर भी कुचल सकते हैं। ऐसे में खुद को बचाने के लिए लोग उन्‍हें जगह दे देते हैं। इस तरह भरी सभा में भी गुरु प्रभावित जातक महत्‍वपूर्ण स्‍थान पा लेते हैं।

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यहां लेख में लाल किताब के अनुसार वृहस्‍पति का विभिन्‍न भावों में फल और उससे संबंधित उपचार बताए गए हैं। हालांकि ये उपचार कारगर हैं, लेकिन पूरी कुण्‍डली का विश्‍लेषण करने के बाद ही उपचारों का प्रभावी इस्‍तेमाल किया जा सकता है। यह लेख लाल किताब के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी टूल साबित हो सकता है।

बृहस्पति (गुरु) का पहले भाव में फल
Jupiter in First (1st) House

पहले घर में स्थित बृहस्पति निश्चय ही जातक को अमीर बनाता है, भले ही वह सीखने और शिक्षा से वंचित हो। जातक स्वस्थ और दुश्मनों निर्भीक रहने वाल होगा। जातक अपने स्वयं के प्रयासों, मित्रों की मदद और सरकारी सहयोग से हर आठवें साल में बडी तरक्की पाएगा। यदि सातवें भाव में कोई ग्रह न हो तो विवाह के बाद सफलता और समृद्धि मिलती है। विवाह या अपनी कमाई से चौबीसवें या सत्ताइसवें साल में घर बनवाना जातक की पिता की उम्र के लिए ठीक नहीं होगा। बृहस्पति पहले भाव में हो और शनि नौवें भाव में हो तो जातक को स्वाथ्य से संबंधित परेशानियां होती हैं। बृहस्पति पहले भाव में हो और राहू आठवें भाव में हो तो जातक के पिता की मृत्यु दिल के दौरे या अस्थमा के कारण होती है।

बृहस्पति (गुरु) प्रथम भाव के उपाय (Jupiter First House Remedy)
  • बुध, शुक्र और शनि से सम्बंधित वस्तुएं धार्मिक स्थानों में बांटे।
  • गायों की सेवा करें और अछूतों की मदद करें।
  • यदि शनि पांचवे भाव में हो तो घर का निर्माण न करें।
  • यदि शनि नवमें भाव में हो तो शनि से सम्बंधित चीजें जैसे मशीनरी आदि न खरीदें।
  • यदि शनि ग्यारहवें या बारहवें भाव में हो तो, शराब, मांस और अंडे का प्रयोग बिलकुल न करें।
  • नाक में चांदी पहनने से बुध का दुष्प्रभाव दूर होता है।

बृहस्पति (गुरु) का दूसरे भाव में फल
Jupiter in Second (2nd) House

इस घर के परिणाम बृहस्पति और शुक्र से प्रभावित होते हैं भले ही शुक्र कुण्डली में कहीं भी बैठा हो। शुक्र और बृहस्पति एक दूसरे के शत्रु हैं। इसलिए दोनों एक दूसरे पर प्रतिकूल असर डालते हैं। नतीजतन, यदि जातक सोने के या आभूषणों के व्यापार में संलग्न होता है, तो शुक्र से संबंधित चीजें जैसे पत्नी, धन और संपत्ति आदि नष्ट हो जाएगी। यदि जातक की पत्नी भी उसके साथ है तो जातक सम्मान और धन कमाता जाएगा बावजूद इसके उसकी पत्नी और परिवार के लोग स्वास्थ्य समस्या या अन्य परेशानियों से ग्रस्त रहेंगे। जातक महिलाओं में प्रशंसनीय होगा और अपने पिता की संपत्ति विरासत में प्राप्त करेगा। यदि 2, 6 और 8वां घर शुभ हैं और शनि दसवें घर में नहीं है तो जातक लॉटरी या किसी नि:संतान से सम्पत्ति अर्जित करेगा।

बृहस्पति (गुरु) द्वितीय भाव के उपाय (Jupiter Second House Remedy)
  • दान-दक्षिणा देने से समृद्धि बढ़ेगी।
  • दशम भाव में स्थित शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए सांपों को दूध पिलायें।
  • यदि आपके घर के सामने की सड़क में कोई गड्ढा है तो उसे भर दें।

बृहस्पति (गुरु) का तीसरे भाव में फल
Jupiter in Third (3rd) House

तीसरे भाव का बृहस्पति जातक को समझदार और अमीर बनाता है, जातक अपने पूरे जीवन काल में सरकार से निरंतर आय प्राप्त करता रहेगा। नवम भाव में स्थित शनि जातक को दीर्घायु बनाता है। यदि शनि दूसरे भाव में हो तो जातक बहुत चतुर और चालाक होता है। चतुर्थ भाव में स्थित शनि यह इशारा करता है कि जातक का पैसा और धन उसके अपने दोस्तों के द्वारा लूट लिया जाएगा। यदि बृहस्पति तीसरे भाव में किसी पापी ग्रह से पीडित है तो जातक अपने किसी करीबी के कारण बरबाद हो जाएगा और कर्जदार हो जाएगा।

बृहस्पति (गुरु) तृतीय भाव के उपाय (Jupiter Third House Remedy)
  • देवी दुर्गा की पूजा करें और कन्याओं अर्थात छोटी लड़कियों को मिठाई और फल देते हुए उनके पैर छू कर उनका आशीर्वाद लें।
  • चापलूसों से दूर रहें।

बृहस्पति (गुरु) का चौथे भाव में फल
Jupiter in Fourth (4th) House

चौथा घर बृहस्पति के मित्र चंद्रमा का है। बृहस्पति इस घर में उच्च का होता है। इसलिए बृहस्पति यहाँ बहुत अच्छे परिणाम देता है और जातक को दूसरों के भाग्य भविष्य तय करने की शक्तियां प्रदान करता है। जातक पैसा, धन, और बहुत सम्पत्ति के साथ साथ सरकार की ओर से सम्मान का अधिकारी होता है। जातक को संकट के समय में दैवीय सहायता प्राप्त होगी। जैसे-जैसे उसकी उम्र बढती जाएगी जातक समृद्धि और धन में भी वृद्धि होगी। लेकिन यदि जातक घर के भीतर मंदिर बनवा लेता है तो उपरोक्त परिणाम नहीं मिलेंगे साथ ही गरीबी और परेशानी पूर्ण वैवाहिक जीवन का सामना करना पड़ेगा।

बृहस्पति (गुरु) चतुर्थ भाव के उपाय (Jupiter Fourth House Remedy)
  • घर में मंदिर न बनायें।
  • बड़ों की सेवा करें।
  • सांप को दूध पिलायें।
  • कभी भी नंगे बदन न रहें।

बृहस्पति (गुरु) का पांचवें भाव में फल
Jupiter in Fifth (5th) House

यह घर बृहस्पति और सूर्य से संबंधित होता है। जातक के समृद्धि में वृद्धि पुत्र प्राप्ति के पश्चात होगी। वास्तव में जातक के जितने अधिक पुत्र होंगे वह उतना ही अधिक समृद्धशाली होगा। पांचवां घर सूर्य का अपना घर होता है और इस घर में सूर्य, केतू और बृहस्पति मिश्रित परिणाम देंगे। लेकिन यदि बुध, शुक्र और राहू दूसरे, नौवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव में हों तो सूर्य, केतू और बृहस्पति खराब परिणाम देंगे। यदि जातक ईमानदार और श्रमसाध्य है तो बृहस्पति अच्छे परिणाम देगा।

बृहस्पति (गुरु) पंचम भाव के उपाय (Jupiter Fifth House Remedy)
  • किसी भी तरह का दान या उपहार स्वीकार न करें।
  • पुजारियों और साधुओं की सेवा करें।

बृहस्पति (गुरु) का छठे भाव में फल
Jupiter in Sixth (6th) House

छठवांं घर बुध का होता है और केतु का भी इस घर पर प्रभाव माना गया है। इसलिए यह घर बुध, बृहस्पति और केतु का संयुक्त प्रभाव देगा। यदि बृहस्पति शुभ होगा तो जातक पवित्र स्वभाव का होगा। उसे बिना मांगे जीवन में सब कुछ मिल जाएगा। बड़ों के नाम पर दान-दक्षिणा उसके लिए फायदेमंद होगा। यदि बृहस्पति छठवें घर में हो और केतु शुभ हो तो जातक स्वार्थी हो जाएगा। हालांकि, यदि केतु छठवें घर में अशुभ है और बुध भी हानिकर है तो जातक उम्र के 34 साल तक दुर्भाग्यशाली रहेगा। यहाँ स्थित बृहस्पति जातक पिता के अस्थमा रोग का कारण बनता है।

बृहस्पति (गुरु) षष्ठम भाव के उपाय (Jupiter Sixth House Remedy)
  • बृहस्पति से संबंधित वस्तुएं मन्दिर में भेंट करें।
  • मुर्गों को दाना डालें।
  • पुजारी को कपडे भेंट करें।

बृहस्पति (गुरु) का सातवें भाव में फल
Jupiter in Seventh (7th) House

सातवां घर शुक्र का होता है, अत: यह मिश्रित परिणाम देगा। जातक का भाग्योदय शादी के बाद होगा और जातक धार्मिक कार्यों में शामिल होगा। घर के मामले में मिलने वाला अच्छा परिणाम चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करेगा। जातक देनदार नहीं हो सकता है लेकिन उसके अच्छे बच्चे होंगे। यदि सूर्य पहले भाव में हो तो जातक एक अच्छा ज्योतिषी और आराम पसंद होगा। लेकिन यदि बृहस्पति सातवें भाव में नीच का हो और शनि नौवें भाव में हो तो जातक चोर हो सकता है। यदि बुध नौवें भाव में हो तो जातक के वैवाहिक जीवन परेशानियों से भरा होगा। यदि बृहस्पति नीच का हो तो जातक को भाइयों से सहयोग नहीं मिलेगा साथ ही वह सरकार के समर्थन से भी वंचित रह जाएगा। सातवें घर में बृहस्पति पिता के साथ मतभेद का कारण बनता है। ऐसे में जातक को चाहिए कि वह कभी भी किसी को कपड़े दान न करे, अन्यथा वह बडी गरीबी की चपेट में आ जाएगा।

बृहस्पति (गुरु) सप्तम भाव के उपाय (Jupiter Seventh House Remedy)
  • भगवान शिव की पूजा करें।
  • घर में किसी भी देवता की मूर्ति न रखें।
  • हमेशा अपने साथ किसी पीले कपडे में बांध कर सोना रखें।
  • पीले कपडे पहने हुए साधु और फ़कीरों से दूर रहें।

बृहस्पति (गुरु) का आठवें भाव में फल
Jupiter in Eighth (8th) House

बृहस्पति इस घर में अच्छे परिणाम नहीं देता लेकिन जातक को सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। संकट के समय जातक को ईश्वर की सहायता मिलेगी। धार्मिक होने से जातक के भाग्य में वृद्धि होगी। यदि जातक सोना पहनता है तो दुखी या बीमार नहीं होगा। यदि बुध, शुक्र या राहू दूसरे, पांचवें, नौवें, ग्यारहवें या बारहवें भाव में हों तो जातक के पिता बीमार होंगे और स्वयं जातक को प्रतिष्ठा की हानि का सामना करना होगा।

बृहस्पति (गुरु) अष्ठम भाव के उपाय (Jupiter Eighth House Remedy)
  • राहु से संबंधित चीजें जैसे गेहूं, जौ, नारियल आदि पानी में बहाएं।
  • श्मशान में पीपल का पेड़ लगाएं।
  • मंदिर में घी, आलू और कपूर दान करें।

बृहस्पति (गुरु) का नौवें भाव में फल
Jupiter in Ninth (9th) House

नौवां घर बृहस्पति से विशेष रूप से प्रभावित होता है। इसलिए इस भाव वाला जातक प्रसिद्ध है, अमीर और एक अमीर परिवार में पैदा होगा। जातक अपनी जुबान का पाक्का और दीर्घायु होगा, उसके बच्चे बडे अच्छे होंगे। यदि बृहस्पति नीच का हो तो जातक में उपरोक्त गुण नहीं होंगे और वह नास्तिक होगा। यदि बृहस्पति का शत्रु ग्रह पहले, पांचवें या चौथे भाव में हो तो बृहस्पति बुरे परिणाम देगा।

बृहस्पति (गुरु) नवम भाव के उपाय (Jupiter Ninth House Remedy)
  • हर रोज मंदिर जाना चाहिए।
  • शराब पीने से बचें।
  • बहते पानी में चावल बहाएं।

बृहस्पति (गुरु) का दसवें भाव में फल
Jupiter in Tenth (10th) House

यह भाव शनि का घर होता है। इसलिए जातक जब खुश होगा तो शनि के गुणों को आत्मसात करेगा। यदि जातक चालाक और धूर्त होगा तभी बृहस्पति के अच्छे परिणाम का आनंद ले पाएगा। यदि सूर्य चौथे भाव में बृहस्पति बहुत अच्छा परिणाम देगा। चौथे भाव के शुक्र और मंगल जातक के कई विवाह सुनिश्चित करते हैं। यदि 2, 4 और 6 भावों में मित्र ग्रह हों तो पैसों और आर्थिक मामलों में बृहस्पति अत्यधिक लाभकारी परिणाम प्रदान करता है। यदि दसम में स्थित बृहस्पति नीच का हो तो जातक उदास और गरीब होता है। वह पैतृक सम्पत्ति, पत्नी और बच्चों से वंचित रहता है।

बृहस्पति (गुरु) दशम भाव के उपाय (Jupiter Tenth House Remedy)
  • कोई भी काम शुरू करने से पहले अपनी नाक साफ करें।
  • नदी के बहते पानी में 43 दिनों के लिए तांबे के सिक्के बहाएं।
  • धार्मिक स्थानों में बादाम बाटें।
  • घर के भीतर मंदिर बनाकर मूर्तियां स्थापित न करें।
  • माथे पर केसर का तिलक लगाएं।

बृहस्पति (गुरु) का ग्यारहवें भाव में फल
Jupiter in Eleventh (11th) House

इस घर में बृहस्पति अपने शत्रु ग्रहों बुध, शुक्र और राहु से सम्बंधित चीजों और रिश्तेदारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। नतीजतन, जातक की पत्नी दुखी रहेगी। इसी तरह, बहनें, बेटियां और बुआ भी दुखी रहेंगी। बुध सही स्थिति में तो भी जातक कर्जदार होता है। जातक तभी आराम से रह पाएगा जब वह पिता, भाइयों, बहनों और मां के साथ साथ एक संयुक्त परिवार में रहे।

बृहस्पति (गुरु) एकादश भाव के उपाय (Jupiter Eleventh House Remedy)
  • हमेशा अपने शरीर पर सोना पहनें।
  • तांबे का कडा पहनें।
  • पीपल के पेड़ में जल चढाएं।

बृहस्पति (गुरु) का बारहवें भाव में फल
Jupiter in Twelfth (12th) House

बारहवा घर बृहस्पति और राहु के संयुक्त प्रभाव में होता है जो कि एक दूसरे के शत्रु होते हैं यदि जातक अच्छा आचरण करता है, धार्मिक प्रथाओं को मानता है और सभी के लिए अच्छा चाहता है तो वह खुशहाल होगा और रात में आरामदायक नींद का आनंद ले पाएगा। जातक अमीर और शक्तिशाली होगा। शनि के दुष्कर्मों से बचाव करने पर मशीनरी, मोटर, ट्रक और कार से सम्बंधित काम फायदेमंद रहेंगे।

बृहस्पति (गुरु) द्वादश भाव के उपाय (Jupiter Twelfth House Remedy)
  • किसी भी मामले में झूठी गवाही से बचें।
  • साधुओं, गुरुओं और पीपल के पेड़ की सेवा करें।
  • रात में अपने बिस्तर के सिरहनें पानी और सौंफ रखें।

 

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