Videsh Jane ke Upay ऐसे लोगों को विदेश यात्रा में आती हैं बाधाएं! ज्योतिष के जानकारों के अनुसार जब कुंडली में चन्द्रमा या शुक्र मजबूत होने लगे तो विदेश यात्रा में बाधाएं आती हैं। जबकि कुंडली में शुभ ग्रहों की दशा, पासपोर्ट या वीजा में 01, 05 या 09 अंक की प्रधानता भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। इसके अलावा अगर व्यक्ति की जन्म तिथि 04, 13, 22 या 31 हो तो व्यक्ति खूब विदेश जाता है या कभी नहीं जा पाता है इसके अतिरिक्त जब व्यक्ति की कुंडली जल तत्व प्रधान हो तब भी विदेश जाने में बाधा आती है।
[2022] विदेश जाने के उपाय। Videsh Jane ke Upay
Post Name | Videsh Jane ke Upay |
Category | Jyotishvidhya |
Portal | https://jyotishvidhya.in |
Post Date | 25/05/2022 |
108 दिन तक करें ये काम, विदेश जाने की राह होगी आसान
आज के समय में हर युवा अपने जीवन में एक बार विदेश जाने का सपना जरूर देखता है तथा अपने सपने को सच करने के लिए विभिन्न प्रयास भी करता है। कोई विदेश जाकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करना चाहता है तो कोई वहां जाकर पैसे कमाना चाहता है। युवा वर्ग में विदेश जाने की इच्छा तो बहुत होती है लेकिन किसी न किसी कारणवश ये विदेश जाने में असफल हो जाते हैं। किसी का वीजा नहीं बन पाता तो कोई आर्थिक तंगी के कारण नहीं जा पाता। अगर आप भी विदेश जाना चाहते हैं और लाख कोशिशों के बाद भी असफल हो रहे हैं तो आप अपने विदेश जाने के सपने को सच करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।
जन्मपत्री से जब विदेश गमन का विचार किया जाता है तो लग्नेश का यात्रा भाव पर गोचर किया जाता है। इसके बाद चतुर्थ भाव को देखा जाता है, चतुर्थ भाव के पीड़ित होने पर यात्रा संभावित होती है। ज्योतिषीय योग के अनुसार जब लग्न या लग्नेश का चतुर्थ भावेेश से संबंध हो तो व्यक्ति के विदेश जाने के अवसर बनते हैं। जब चतुर्थेश द्वादश भाव को प्रभावित करता है तो व्यक्ति उस अवधि में विदेश जाता है।
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लम्बी दूरी की यात्राओं के लिए बारहवें भाव का विचार किया जाता है। चतुर्थ भाव का पापकर्तरी योग में होना जातक को विदेश जाने के संकेत देता है। इसके अतिरिक्त जब लग्नेश बारहवें भाव या नवम भाव में हों तब भी जातक के जन्म स्थान से दूर विदेश में रहने की संभावनाएं बनती हैं।
ज्योतिष के प्रसिद्ध शास्त्र ‘उत्तरकालामृत’ के अनुसार विदेश जाने के लिए सप्तम भाव को भी देखा जाता है। विदेश यात्राओं का कारक ग्रह राहू है । यदि राहू बारहवें भाव में हो तो व्यक्ति को कई बार विदेश जाने के अवसर मिलते हैं। निम्र उपायों को करने से विदेश जाने में सहयोग मिल सकता है :
राम भक्त हनुमान जी ने भगवान राम के सभी काम संवारे थे, इसलिए रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए लगातार 108 दिन तक सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभप्रद उपाय है। इस उपाय को नियमित प्रात: स्नानादि से मुक्त होने के बाद अपने इष्ट देव का पूजन करने के बाद करें।
राहू देव को प्रसन्न करने और राहू ग्रह के सभी शुभ फल पाने के लिए हनुमान जी का पूजन और आराधना करने का विधि-विधान है।
मंगलवार के दिन नित्यक्रियाओं से मुक्त होने के बाद विशेष रूप से मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना विदेश गमन का मार्ग खोलता है। पाठ करने से पूर्व और पश्चात अपने मन की कामना हनुमान जी से अवश्य कहें। यह पाठ आप मंगलवार से शुरू करें और लगातार 108 दिन लगातार करते रहें। इस बात का खास ध्यान रखें कि पाठ में किसी प्रकार की कोई बाधा न आए।
देश यात्रा का कारक ग्रह चूंकि राहू ग्रह है इसलिए राहू स्रोत का पाठ करना शुभफलदायक रहता है। जन्म कुंडली में राहू की अशुभता को दूर करने के लिए राहू मंत्र का जाप करना भी कारगर उपाय है। राहू यंत्र को स्थापित कर नित्य पूजा करना और राहू मंत्र का 108 बार जाप करना उत्तम फल देता है।
राम भक्त हनुमान जी के स्मरण मात्र से जीवन की बाधाओं में कमी होती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
विघ्न विनाशक भगवान श्री गणेश का नित्य पूजन करने और लड्डू का भोग लगाना चाहिए। साथ ही श्री गणेश जी की आरती भी करनी चाहिए।
विदेश यात्रा की कामना करने वाले व्यक्ति को ऐसे व्यक्ति का रुमाल अपने साथ रखना चाहिए जो विदेश यात्रा से वापस आया हो।
विदेश जाने के लिए ये करें उपाय…
– शनि के तांत्रिक मंत्र का रोज सायंकाल जाप करें।
– मंत्र होगा- “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”।
– नवम भाव के स्वामी ग्रह को मजबूत करें।
– हलके नीले रंग के वस्त्रों का खूब प्रयोग करें।
– नदी पार करके कोई यात्रा जरूर कर लें।
विदेश जाकर कब बस बसता है व्यक्ति ?
आमतौर पर शनि या राहु के मजबूत होने पर व्यक्ति घर से दूर जाकर स्थायी रूप से बस जाता है। वहीं सूर्य या चन्द्रमा के कमजोर होने पर भी व्यक्ति विदेश में स्थाई रूप से बस जाता है। इनमें भी वृषभ, कन्या, मकर, मिथुन, तुला और कुम्भ राशि वालों के विदेश में बस जाने की सम्भावना ज्यादा होती है।
टोटका जो दूर करें विदेश जानें की रुकावट…
वहीं कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि कई बार आप विदेश जाना चाहते है मगर आपकी विदेश यात्रा में बहुत सारी रुकावट आ जाती है जिसके कारण आप विदेश नहीं जा पाते
ऐसे में एक टोटका आपकी काफी मदद कर सकता है…
: इसके तहत सबसे पहले आप एक मिट्टी का बर्तन ले उस में काले तिल और गुड़ रखकर उसे पीपल के पत्ते से ढक दें। उसके बाद आप मंत्र का 102 बार जाप करें।
मंत्र : क्लीं नमो भगवती मघाले श्री सवसुखरंजिनी
स्वर्ध्म मातघ अमुक कुमारी भे लघु लघु वश्यं कुरु कुरु स्वः।।
– मंत्र का जाप करने के बाद आप इस बर्तन को आक के पौदे की जड़ में रख दे और विदेश जाने की प्रार्थना करें। उसके बाद आप चुपचाप वापस अपने घर आ जाएं और पीछे मुड़कर बिलकुल भी न देखें। इस कार्य को आपको रविवार की रात्रि को 12:00 से 1:00 बजे के बीच करना होगा।
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